"मौत की हिम्मत कहा थी मुझसे टकराने की...
साली ने मोहब्बत को मेरी सुपारी दे डाली..."
"एक ग़ज़ल तेरे लिए ज़रूर लिखूंगा;
बे-हिसाब उस में तेरा कसूर लिखूंगा;
टूट गए बचपन के तेरे सारे खिलौने;
अब दिलों से खेलना तेरा दस्तूर लिखूंगा।"
"मेहनत कितनी भी कर लो,
किस्मत अगर कमीनी है तो जिंदगी
साउथ अफ्रीका हो जाती हैं :-("
"हम रूठे दिलों को मनाने में रह गए;
गैरों को अपना दर्द सुनाने में रह गए;
मंज़िल हमारी, हमारे करीब से गुज़र गयी;
हम दूसरों को रास्ता दिखाने में रह गए।"
"बेवफ़ाओं की महफ़िल लगेगी,
आज ज़रा वक़्त पर आना 'मेहमान-ए-ख़ास' हो तुम…!!"
"आज बडी देर तक वो मुजे देखता रहा
न जाने क्यू लगा के वो मूजे छोड जायेगा ।"
"फ़रिश्ते ही होंगे जिनका इश्क मुकम्मल होता है,
हमने तो यहाँ इंसानों को बस बर्बाद होते देखा है !"
"ऐ बादल! मेरी आँखे तुम रख लो...
कसम सें बड़ी माहिर हैं बरसने मे..."
"काश वो भी आकर हम से कह दे मैं भी तन्हाँ हूँ,
तेरे बिन, तेरी तरह, तेरी कसम, तेरे लिए !"
"वो बड़े ताज्जुब से पूछ बैठा मेरे गम की वजह..
फिर हल्का सा मुस्कराया, और कहा, मोहब्बत की थी ना.??"