"खाली हाथों को कभी गौर से देखा है...
किस तरह लोग लकीरो से निकल जाते है।"
"इतनी शिकायत, इतनी शर्तें, इतनी पाबन्दी,
तुम मोहब्बत कर रहे हो या सौदा कोई ।"
"तड़प उठते है, उन्हें याद करके,
जो गए है, हमे बर्बाद करके,
अब तो इतना ही ताल्लुक रह गया है कि रो लेते है,
बस उन्हें याद करके."
"सुनो! तुम एक बार पुछ लो कि 'कैसा हुँ'...
घर मेँ पङी सारी दवाईयाँ ना फेँक दुँ तो कहना."
"मुझे ढूंढने की कोशिश अब न किया कर...
तूने रास्ता बदला तो मैंने मंज़िल बदल ली.."
"हुत याद आते हैं तुम्हारे साथ बिताए हुए पल,
वरना मुझे मर - मर के जीने का कोई शौक नहीं."
"पहले नहीँ पर अब सोचने लगे हैँ हम...
जिँदगी के हर लम्हेँ मेँ तेरी जरुरत सी क्योँ लगती है..."
"अजीब मेरा अकेलापन है,,,
तेरी चाहत भी नहीं और तेरी जरूरत भी है.."
"प्यार से प्यारी कोई मजबूरी नहीं होती
कमी अपनों की कभी पुरी नहीं होती
दिलों का जुदा होना एक अलग बात हैं.
नजरों से जुदा होना कोई दुरी नहीं होती..."
"कुछ नहीं है आज मेरे शब्दों के गुलदस्ते में,
कभी कभी मेरी खामोशियाँ भी पढ लिया करो."